
कुंडली (ज्योतिष में) किसी व्यक्ति के जन्म के समय ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति का चार्ट या मानचित्र है। इसे जन्मपत्री या होरोस्कोप भी कहा जाता है। कुंडली का उपयोग ज्योतिष में व्यक्ति के भविष्य, स्वभाव, स्वास्थ्य, करियर, विवाह, और जीवन की अन्य घटनाओं की भविष्यवाणी के लिए किया जाता है।
कुंडली के मुख्य भाग:
- राशि (Zodiac Sign): 12 राशियों का चक्र, जैसे मेष, वृषभ, मिथुन आदि।
- ग्रह (Planets): सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु।
- भाव (Houses): कुंडली को 12 भागों में विभाजित किया जाता है, जिन्हें प्रथम, द्वितीय, तृतीय भाव आदि कहा जाता है। प्रत्येक भाव जीवन के विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करता है।
- योग (Combinations): विशेष ग्रह स्थितियों या संयोजनों को योग कहते हैं, जो किसी व्यक्ति के जीवन में विशेष प्रभाव डालते हैं।
कुंडली के प्रकार:
- जनम कुंडली: जन्म के समय आधारित।
- चंद्र कुंडली: चंद्रमा की स्थिति पर आधारित।
- दशा कुंडली: दशाओं और समय चक्र के अनुसार।
- प्रश्न कुंडली: किसी विशेष प्रश्न के समय के आधार पर बनाई जाती है।
कुंडली बनाने के लिए आवश्यक जानकारी:
- जन्म तिथि (Date of Birth)
- जन्म समय (Time of Birth)
- जन्म स्थान (Place of Birth)
कुंडली का महत्व:
- स्वभाव और व्यक्तित्व जानना: व्यक्ति के स्वभाव और रुचियों का विश्लेषण।
- भविष्यवाणी: आने वाले जीवन की संभावनाओं का पता लगाना।
- विवाह और संबंध: कुंडली मिलान से विवाह योग्यता और अनुकूलता का पता।
- करियर और स्वास्थ्य: पेशेवर जीवन और स्वास्थ्य के बारे में भविष्यवाणी।
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